कील-मुंहासों का रामबाण इलाज: रसोई की 5 जादुई चीजें जो देंगी ग्लोइंग त्वचा

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kil muhaso ko jad se khtam kaise kren? :सर्दियाँ है तो किल मुहासे आ ही जाते है क्यूंकि सबसे पहले इस टाइम हमें ऑयली चीजे खाने का ज्यादा मन करता है | और उस्की वजह से हमारा डाईजेसन बिगड़ जाता है और हमारे चेहरे पर पिम्पल और acne हो जाते है क्या आप जानते है की आपकी रसोई में मौजूद 5 ऐसी चीजे है जिन्हें अगर आप खाने लग जाए तो आपके पिम्पल सही तो होंगे ही और साथ में कभी नही होंगे तो चलिए जानते है |

कील-मुंहासों का रामबाण इलाज
कील-मुंहासों का रामबाण इलाज

हल्दी (Turmeric)

हल्दी सब के घर में होती है और खाई भी सब ने है | और चेहरे पर भी बहुत लोगों ने लगाई होगी | हल्दी की बात करें तो इसमें बहुत सारे गुण पाए है जैसे इसमे एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पायें जाते है | इन्ही गुणों की वजह से हल्दी को अगर अपने फेस पर लगाते है तो इससे हमारे फेस पर किसी प्रकार का इन्फेक्शन हुआ है तो उसे तो ठीक करता ही है और किल मुहासों को भी सही करता है |

 हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें ?
हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें ?

हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें ?

1 चुटकी हल्दी ,1 चम्मच शहद और 1 चम्मच दही का मिश्रण बनाये और अपने चेहरे पर अप्लाई करें | इस पेस्ट को मुहांसों पर लगाये और देखेंगे की आपके मुहासे बहुत जल्दी सही होने लगेंगे |

नींबू (Lemon)

नींबू विटामिन C से भरपूर होता है, जो त्वचा की रंगत निखारने और उसे गोरा बनाने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक एसिड होते हैं, जो त्वचा के अतिरिक्त तेल को हटाते हैं और रोमछिद्रों को साफ करते हैं। नींबू में प्राकृतिक ब्लीचिंग और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंहासों की लालिमा और दाग-धब्बों को कम करते हैं।

नींबू का इस्तेमाल कैसे करें ?

ताज़े नींबू का रस रुई पर लगाये और मुंहासे पर लगाएँ। 10 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें।
नींबू का रस केवल रात में लगाएँ और इसे ज्यादा देर तक न रखें, क्योंकि यह त्वचा को सेंसिटिव बना सकता है

शहद (Honey)

शहद एक प्राक्रतिक औषधि है और इसमें एंटीबैक्टीरियल और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं यह हमारी स्किन में किल मुहासे पैदा करना वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है | यह त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को हल्का करने और घाव को जल्दी भरने में भी सहायक है। 

शहद का इस्तेमाल कैसे करें ?

शुद्ध शहद को सीधे मुंहासे पर लगाएँ और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। बाद में गुनगुने पानी से धो लें।

एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)

एलोविरा त्वचा के लिए बहुत अच्छा टॉनिक है |
एलोविरा त्वचा के लिए बहुत अच्छा टॉनिक है |

एलोविरा त्वचा के लिए बहुत अच्छा टॉनिक है | इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, और इस गुण के कारण तवचा में होने वाले किल मुहांसों को कम करता है और स्किन में नमी बनाए रखता है | इसमें विटामिन E और विटामिन C होते हैं, जो त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं | एलोवेरा जेल मुंहासों के दाग-धब्बों को हल्का करने और त्वचा को ठंडक पहुंचाने में भी फायदेमंद है।

एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कैसे करें ?

इसके लिए आपको चाहिए एलोविरा का ताजा पत्ता और इसको काट कर इसमें से जेल निकल ले और रात को सोते समय अपने चेहरे पर लगाये और सुबह धो ले |

बेसन और गुलाबजल (Gram Flour & Rose Water)

बेसन त्वचा की सफाई करता है और गंदगी व तेल को हटाता है।|जबकि गुलाब स्किन में टोनिंग लेन का काम करता है | इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं |

बेसन और गुलाबजल का इस्तेमाल कैसे करें ?

1 चम्मच बेसन में गुलाबजल मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इसे पूरे चेहरे पर लगाएँ और सूखने पर धो लें।

कील-मुंहासों का इलाज आपकी रसोई में छिपा हुआ है। हल्दी, नींबू, शहद, एलोवेरा और गुलाबजल जैसी 5 जादुई चीजें मुंहासों को कम करने और त्वचा को साफ-सुथरा बनाने में मदद करती हैं। ये न केवल त्वचा की सूजन और दाग-धब्बों को ठीक करती हैं, बल्कि त्वचा को नैचुरल ग्लो भी देती हैं। इनका सही तरीके से इस्तेमाल कर आप महंगे प्रोडक्ट पर खर्च किए बिना खूबसूरत और स्वस्थ त्वचा पा सकते हैं। रसोई के इन आसान उपायों को अपनाएँ और त्वचा को प्राकृतिक तरीके से निखारें।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और शिक्षा के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। इन चीजों के सेवन से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करें, विशेष रूप से यदि आपको मधुमेह, एलर्जी, या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है। इस जानकारी का उद्देश्य किसी बीमारी का निदान, इलाज, रोकथाम, या प्रबंधन करना नहीं है।

image credit : canva

मेरा नाम अवतार सिंह है| मैं आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य का एक जानकार हूं। मैंने नाड़ी परीक्षण का कोर्स पूरा किया है| और वर्तमान में "चरक संहिता," "अष्टांग हृदयम," और "भावप्रकाश निघंटु" जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों का अध्ययन कर रहा हूं। जड़ी-बूटियों और उनके उपयोग के बारे में मेरा गहन ज्ञान है, जिसे मैं इस वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ साझा करता हूं। मेरा और मेरी टीम का मुख्य उद्देश्य है कि लोग आयुर्वेद के प्रति जागरूक हों और अपने घर व रसोई में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जी सकें।

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