Tea Or Coffee: चाय या कॉफी में से कौन है, आपकी सेहत के लिए बेहतर?

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Tea or Coffee Which Is Good For Health In Hindi: सर्दी का मौसम है, और दिन की शुरुआत कॉफी या चाय से होती है| ये दोनों ही दुनिया में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले पेय हैं। कुछ लोग सुबह चाय के बिना नहीं रह सकते, तो कुछ के लिए कॉफी जरूरी है। सुबह -सुबह चाय पिने वाले खुद को टी -लवर मानते है| और कॉफी वाले भी किसी से कम नही है| लेकिन सवाल है, कौन-सा पेय आपकी सेहत के लिए बेहतर है? आइए, इसे समझते हैं।

चाय के फायदे

अरबों लोगों के दिन की शुरुआत चाय से होती है| और कुछ लोग सुबह-सुबह चाय पीना सेहत के लिए फायदेमंद मानते है| तो चलिए जानते है, चाय के कुछ फायदे-

1. चाय दिल के लिए अच्छी है-

  • चाय में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं।
  • “हार्वर्ड हेल्थ” के एक अध्ययन के अनुसार, रोजाना 2-3 कप चाय पीने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

2. चाय ब्लड शुगर कंट्रोल करती है-

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार, चाय ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में सहायक हो सकती है। खासतौर पर बिना चीनी के बनाई गई ग्रीन टी या हर्बल टी डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद होती है। चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं| और इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर बना सकते हैं। डायबिटीज मरीजों को चाय पीने के दौरान अतिरिक्त चीनी, क्रीम या फ्लेवरिंग का उपयोग करने से बचना चाहिए। इसलिए, चाय को एक हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद ली जा सकती है।

3. चाय डिटॉक्स में मददगार

हर्बल चाय शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में सहायक मानी जाती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व जैसे एंटीऑक्सीडेंट और औषधीय गुण शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करते हैं। हर्बल चाय जैसे ग्रीन टी, तुलसी चाय, अदरक चाय, या पुदीना चाय पाचन को बेहतर बनाती है, लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ावा देती है, और मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करती है।

चाय शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालकर त्वचा को निखारने और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में भी मदद करती है। हालांकि, इसे नियमित और संतुलित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

4. चाय पीने से मानसिक शांति मिलती है-

चाय में थियेनाइन (Theanine) नामक एक प्राकृतिक अमीनो एसिड होता है, जो दिमाग को शांत और केंद्रित करने में मदद करता है। यह यौगिक मस्तिष्क में अल्फा वेव्स को बढ़ावा देता है, जिससे मानसिक शांति और सतर्कता दोनों बनी रहती हैं।इसके अलावा, यह कैफीन के प्रभाव को संतुलित करके चाय को एक अद्वितीय रिलैक्सिंग ड्रिंक बनाता है, जो ऊर्जा के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

कॉफी के फायदे

कॉफी के फायदे
कॉफी के फायदे

कॉफी, ऊर्जा और प्रेरणा का अमृत, हर घूंट में जादू भर देती है। इसकी गहरी महक और समृद्ध स्वाद सुबहों को जगाते हैं और थकान को मिटाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, यह मस्तिष्क को सतर्कता और रचनात्मकता का ईंधन देती है। हर कप एक नया अनुभव, हर चुस्की अनमोल पल!

जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस” के अनुसार, कॉफी का सेवन मेमोरी और ध्यान को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद कैफीन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाकर अलर्टनेस और याददाश्त को सुधारता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है, जिससे जानकारी को लंबे समय तक याद रखने और बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।

1. कॉफी पीने से ऊर्जा और फोकस बढता है-

“जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस” के अनुसार, कॉफी का सेवन मेमोरी और ध्यान को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद कैफीन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाकर अलर्टनेस और याददाश्त को सुधारता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है| जिससे जानकारी को लंबे समय तक याद रखने और बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।

2. कॉफी पीने से मेटाबोलिज्म बढाता है

कैफीन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है| और शरीर की कैलोरी तेजी से बर्न करने में मदद करता है। यह ऊर्जा बढ़ाता है और फैट कम करने में असरदार होता है। इसलिए कैफीन वजन घटाने में मददगार माना जाता है।

3. कॉफी लिवर के लिए अच्छी है-

ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट” की रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना कॉफी पीने से लिवर की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इसमें मौजूद तत्व लिवर को स्वस्थ रखते हैं और उसे नुकसान से बचाते हैं।

4. कॉफी डिप्रेशन कम करती है-

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ” के अनुसार, कॉफी डिप्रेशन का खतरा 20% तक कम करती है।

चाय और कॉफी के नुकसान

चाय और कॉफी के नुकसान
चाय और कॉफी के नुकसान

”टी बोर्ड ऑफ इंडिया” के अनुसार, भारत में 80% लोग रोजाना चाय का सेवन करते हैं। चाय भारतीय जीवनशैली और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह सुबह की शुरुआत से लेकर शाम के नाश्ते तक हर मौके पर पसंद की जाती है।

भारत में चाय कई प्रकार की होती है, जैसे मसाला चाय, दूध वाली चाय, ग्रीन टी और हर्बल टी। अलग-अलग क्षेत्रों में चाय के स्वाद और बनाने के तरीके भी अलग होते हैं। लोग इसे न सिर्फ ताजगी के लिए, बल्कि सामाजिक मेलजोल और बातचीत के दौरान भी पसंद करते हैं। चाय का यह गहरा जुड़ाव भारत को दुनिया के सबसे बड़े चाय उपभोक्ता देशों में से एक बनाता है

1. चाय और कॉफी में कैफीन ज्यादा

चाय और कॉफी दोनों में कैफीन होता है, जो ऊर्जा और सतर्कता बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाए, तो यह नींद में खलल डाल सकता है। कैफीन मस्तिष्क को जागृत रखता है और आराम करने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। इसलिए, चाय या कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है, खासकर शाम के समय।

2. चाय में चीनी ज्यादा होती है

चाय में ज्यादा चीनी डालने से वजन बढ़ने का खतरा होता है। चीनी से अतिरिक्त कैलोरी मिलती है, जो शरीर में फैट के रूप में जमा हो सकती है। इसलिए, चाय का आनंद लेने के लिए कम चीनी का इस्तेमाल या बिना चीनी की चाय पीना एक बेहतर विकल्प है।

3. कॉफी में क्रीमर ज्यादा-

कॉफी में ज्यादा क्रीमर और चीनी डालने से इसके फायदे कम हो जाते हैं। क्रीमर और चीनी से अतिरिक्त कैलोरी और अनावश्यक फैट बढ़ता है, जो वजन बढ़ा सकता है। यह कैफीन के सकारात्मक प्रभाव, जैसे ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने, को भी कम कर सकता है। बेहतर है कि कॉफी को कम चीनी या बिना क्रीमर के पिया जाए।

यह आपकी पसंद और सेहत पर निर्भर करता है। अगर आपको डिटॉक्स और एंटीऑक्सीडेंट चाहिए, तो चाय बेहतर है। अगर एनर्जी और फोकस चाहिए, तो कॉफी चुनें।

तो, आपकी पसंद क्या है – चाय या कॉफी? हमें बताएं !

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और शिक्षा के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। इन चीजों के सेवन से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करें, विशेष रूप से यदि आपको मधुमेह, एलर्जी, या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है। इस जानकारी का उद्देश्य किसी बीमारी का निदान, इलाज, रोकथाम, या प्रबंधन करना नहीं है।

Image Credit : Canva

मेरा नाम अवतार सिंह है| मैं आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य का एक जानकार हूं। मैंने नाड़ी परीक्षण का कोर्स पूरा किया है| और वर्तमान में "चरक संहिता," "अष्टांग हृदयम," और "भावप्रकाश निघंटु" जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों का अध्ययन कर रहा हूं। जड़ी-बूटियों और उनके उपयोग के बारे में मेरा गहन ज्ञान है, जिसे मैं इस वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ साझा करता हूं। मेरा और मेरी टीम का मुख्य उद्देश्य है कि लोग आयुर्वेद के प्रति जागरूक हों और अपने घर व रसोई में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जी सकें।

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