बलगम वाली खांसी होने पर आजमाएं ये 5 घरेलू उपाय, निकल जाएगा छाती में जमा बलगम

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Balgam Wali Khansi Ko Sahi Karne Ka Gharelu Nuskha: खांसी एक सामान्य रोग है, लेकिन यह अत्यंत कष्टदायक भी हो सकती है। खांसी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकती है। यह अक्सर मौसम में होने वाले बदलाव, अपने दिनचर्या में बदलाव या किसी अन्य कारणों से भी खांसी हो सकती है।

खांसी का घरेलू इलाज
खांसी का घरेलू इलाज

हालांकि, सर्दी-जुकाम के बाद लोगों को अक्सर ही बलगम वाली खांसी से जूझना पड़ता है। ऐसा आमतौर पर मौसम में परिवर्तन होने पर देखने को मिलता है। कई बार उन्हें इसके कारण लोगों के सामने शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम इसे घर पर आसानी से घरेलू इलाज के द्वारा कैसे ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं, खांसी के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज कैसे होती है, खांसी कैसे ठीक करें, इत्यादि।

खांसी कितने प्रकार के होती हैं?

मुख्य रूप से खांसी निम्नलिखित तीन प्रकार की होती है :-

  1. एक्यूट ( acute ) : एक्यूट खांसी आपको दो से तीन सप्ताह तक रह सकती है और बाद में अपने आप ठीक भी हो जाती है।
  2. सब एक्यूट (sub accute ) : इस तरह की खांसी आपको तीन से आठ सप्ताह तक हो सकती है।
  3. क्रोनिक (chronic ) : क्रोनिक खांसी आपको आठ सप्ताह से ज्यादा या लंबे समय तक रह सकती है। इस तरह की खांसी किसी घातक बीमारी के संकेत भी हो सकते हैं।

इसके आलावा खांसी निम्न प्रकार की होती है :-

  • काली खांसी
  • बलगम वाली खांसी
  • सूखी खांसी
  • रात को होने वाली खांसी (नॉक्टर्नल खांसी)

खांसी के लक्षण क्या है?

खांसी के लक्षण क्या है?
खांसी के लक्षण क्या है?

हालांकि ख्नासी खुद ही एक लक्षण है परन्तु इसके कुछ और भी लक्षण हैं :-

  • गले में दर्द
  • सिरदर्द
  • छाती में जकड़न और दर्द
  • श्वास नली में सूजन
  • साइनस में इंफेक्शन
  • निगलने में समस्या
  • बलगम आना

खांसी के घरेलू उपाय क्या है ? – khansi ke liye gharelu upay in hindi

1. हल्दी और दूध का सेवन :

हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोज़ रात को सोने से पहले पीएं। यह छाती में जमा बलगम को ढीला करता है और खांसी से राहत दिलाता है। ये उपाय बहुत आसान और सस्ता है इसे आप जरुर आजमायें ये नुस्खा अब काक नही दादी नानी के समय से चला आ रहा नुस्खा है |

2. अदरक और शहद का मिश्रण :

ये नुस्खा हमारी रशोई में मिलने वाला सबसे आसान और सबसे सस्ता नुस्खा है | अदरक की बार करे तो अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जो सुजन को कम करते है और खांसी को बहार निकालने का कम करता है और वही शहद की बात करे तो ये हमारे गले को आराम देने का काम करता है जिससे जमी हुए बलगम भी बाहर आ जाती है |

3. पानी में कपूर डालकर भाप लें :

बाप लेना बहुत ही बढ़िया आप्शन हो सकता है बलगमी खांसी को दूर करने के लिए इसके लिए आपको गर्म पानी में कुछ मात्रा में कपूर दाल कर अपने सिर क्र उपर तोलिया रख लेना है और बाप लेना है \

बाप लेना एक अच्चा उपाय है परतु इस बात का भी ध्यान रखे की की पानी जयाद गर्म ना हो और बच्चो को बाप देते समय ध्यान रखें की उनके पास रहे |

4. तुलसी और काली मिर्च की चाय :

अदरक और काली मिर्च की चाय
अदरक और काली मिर्च की चाय

तुलसी और काली मिर्च में औषधीय गुण होते हैं, जो सर्दी और खांसी के लक्षणों को कम करते हैं। 5-6 तुलसी के पत्ते और आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर को पानी में उबालकर चाय बनाएं। इसे गुनगुना पीएं। यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और गले को आराम पहुंचाता है।

5. नमक और गर्म पानी से गरारे करना :

नमक और गर्म पानी से गरारे करने से गले में सूजन कम होती है और बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और दिन में दो बार गरारे करें। यह गले की खराश को भी कम करता है।

खांसी एक आम बीमारी है लेकिन यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया है, तो यह आपको काफी परेशान भी कर सकती है।  आप आसानी से घरेलू इलाज के माध्यम से भी ठीक कर सकते हैं

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और शिक्षा के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। इन चीजों के सेवन से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करें, विशेष रूप से यदि आपको मधुमेह, एलर्जी, या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है। इस जानकारी का उद्देश्य किसी बीमारी का निदान, इलाज, रोकथाम, या प्रबंधन करना नहीं है।

image credit : Canva

मेरा नाम अवतार सिंह है| मैं आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य का एक जानकार हूं। मैंने नाड़ी परीक्षण का कोर्स पूरा किया है| और वर्तमान में "चरक संहिता," "अष्टांग हृदयम," और "भावप्रकाश निघंटु" जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों का अध्ययन कर रहा हूं। जड़ी-बूटियों और उनके उपयोग के बारे में मेरा गहन ज्ञान है, जिसे मैं इस वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ साझा करता हूं। मेरा और मेरी टीम का मुख्य उद्देश्य है कि लोग आयुर्वेद के प्रति जागरूक हों और अपने घर व रसोई में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जी सकें।

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